गाजियाबाद (युग करवट)। टिकट वितरण को लेकर भाजपा में खींचतान रही है। बताया जा रहा है कि विधायकों की खूब चली। सुनील शर्मा ने साहिबाबाद और खोड़ा में अपनी मनमर्जी की तो मुरादनगर में अजितपाल त्यागी ने जिसे चाहा उसे टिकट दिलाया। कुछ लोग सांसद वीके सिंह पर उंगली उठा रहे हैं कि वह अपने लोगों के लिए टिकट नहीं करा पाए। मगर सच केवल इतना ही नहीं है। सच यही है कि वीके सिंह ने वही किया जो उनके व्यक्तित्व के बारे में कहा जाता है। उन्होनें सभी विधायकों और संगठन की बात को सर्वोपरी रखा। वरना आज सभी विधायक और संगठन के पदाधिकारी कह रहे होते कि केन्द्रीय मंत्री ने अपनी चलाई और हमारी बात नहीं सुनी गई। जो मौका विधायक या पदाधिकारी खोज रहे थे वह उनको मिला ही नहीं। अब अपने अपने प्रत्याशी जिताने की जिम्मेदारी विधायकों और पदाधिकारियों की रहेगी।